All Competitive Exam | चरक संहिता - उत्तरार्ध -PAPER-1
1
निदानदोषर्तुविपर्ययक्रमैरुपाचरेत्तं बलदोषकालवित्। - चिकित्सा है-
हिक्का
श्वास
कास
शोफ
2
प्रथम ब्रह्म रसायन में आमलकी की मात्रा हरीतकी की तुलना में है-
समान
द्विगुण
त्रिगुण
पंचगुण
3
ऋषि बालखिल्य किस रसायन सेवन से युवावस्था को प्राप्त हुए -
लौह रसायन
हरितक्यादि रसायन
ब्रह्म रसायन प्रथम
ब्रह्म रसायन द्वितीय
4
पाण्डु रोग का पूर्वरूप नहीं है-
हृदयस्पन्दनं
गात्रशूल
स्वेदाभाव
रौक्ष्य
5
कर्णक्ष्वेड लक्षण है-
कामला
कुम्भकामला
पाण्डु
हलीमक
6
आचार्य चरक ने व्रण के प्रकार बताये हैं-
20
12
8
असंख्य
7
घ्राणपाक में हेतु है-
वात-कफ
कफ-पित्त
वात- पित्त
रक्त-पित्त
8
आढ्य वात लक्षण है-
कफ़ावृत वात
मेदावृत वात
मांसावृत वात
रक्तावृत वात
9
स मूढ़चेता च सुखं न दुःखं
नाचारधर्मो कुत एव शान्ति- सन्दर्भ है?
विषम ज्वर
अतत्वाभिनिवेश
अपस्मार
उन्माद
10
बहुसंरम्भ- लक्षण है-
भूताविष्ट ज्वर का
क्रोध ज्वर का
विषम ज्वर का
सन्निपातज ज्वर का
Answer Sheet:
1
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5
6
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8
9
10
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चरक संहिता - उत्तरार्ध -PAPER-1
Duration: 10 MINS
Maximum Marks: 20
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